Anil Kapoor's Biography: 68 साल के जवान अभिनेता अनिल कपूर



Credit: X Anil Kapoor


मुंबई के चेंबूर में 24 दिसंबर 1956 को जन्मे अनिल अपने चार भाई बहनों में दूसरे बेटे हैं। उनके बड़े भाई बोनी कपूर फिल्म प्रोड्यूसर हैं। छोट भाई संजय कपूर अनिल की तरह एक एक्टर हैं।बहन रीना मारवाह फिल्मी दुनिया से दूर हैं।अनिल के पिता सुरिंदर कपूर भी फिल्म प्रोड्यूसर थे। सुरिंदर पृथ्वीराज कपूर के रिश्तेदार थे। लेकिन मुंबई में पहचान बनाने के लिए अनिल के पिता को काफी संघर्ष करना पड़ा।


जब सुरिंदर फिल्मों में करियर बनाने के लिए मुंबई आए तो उनके पास रहने के लिए घर नहीं था। पृथ्वीराज कपूर ने उनको पनाह दी। कुछ समय बाद वो अपने परिवार के साथ एक चॉल में रहने लगे। जहां लंबे समय तक अपने परिवार के साथ रहे। अनिल कपूर आज मुंबई के जुहू इलाके में एक आलीशान बंगले में रहते हैं। लेकिन चॉल में रहकर उन्होंने गरीबी झेली और उनसे पार पाना भी सीखा।


खुद को मानते है मजदूर

अनिल कपूर ने अपने इंटरव्यू में कह चुके हैं कि वो अपने आपको एक मजदूर मानते हैं। जिन्हें जो काम मिला, उन्होंने पूरी शिद्दत के साथ निभाया। उन्होंने किसी काम को छोटा नहीं माना, जो काम मिला ईमानदारी से करते गए, और कामयाबी अनिल को मिलती चली गई। अनिल कपूर ने बतौर एक्टर हर तरह के किरदार किए। 


6 बार जीता फिल्मफेयर अवार्ड

लीड एक्टर के तौर पर अनिल की पहली ‘फिल्म वो सात दिन’ थी। जिसमें उनका किरदार भोला-भाला था। जिस अंदाज में अनिल ने वो किरदार निभाया,वो दर्शकों को आज भी याद हैं। अनिल कपूर वह एक्टर हैं जिनकी कई फिल्में भले ही नाकामयाब रही। लेकिन उनकी एक्टिंग पर कभी किसने सवाल नहीं उठाया। उन्हें जो किरदार मिला, वह उसमें अपनी छाप छोड़ते चले गए। अनिल को फिल्म लम्हें,तेजाब,मेरी जंग,ईश्वर,बेटा और 1942- ए लव स्टोरी में शानदार अभिनय के लिए बेस्ट एक्टर का फिल्मफेयर अवार्ड से नवाजा गया। साथ ही फिल्म पुकार के लिए उन्हें बेस्ट एक्टर का नेशनल अवॉर्ड से सम्मानित किया गया। 


पर्सनल लाइफ

आपने उनके समकालीन और आज के एक्टर्स की पर्सनल लाइफ बारे में काफी कुछ सुना और पढ़ा होगा। लेकिन अनिल कपूर सिर्फ अपनी एक्टिंग के लिए चर्चा में रहे। उनकी सुनीता भवनानी से हुई। शादी के वक्त चंद दोस्त मौजूद थे। अनिल अपनी पत्नी से बेहद प्यार करते हैं। हाल ही में आगरा में शूटिंग के दौरान अपनी पत्नी के साथ ताजमहल का दिदार करने भी पहुंचे थे। जहां फिल्मी दुनिया में शादी टूटने एक आम बात है। वहां अनिल एक ईमानदार पति के तौर दी जाने वाली मिसाल की तरह हैं।

 

वक्त के पाबंद

अनिल वक्त के पाबंद है। रोजाना जिम में पसीना बहाते हैं। यही उनकी फिटनेस का राज है। देर रात तक चलने वाली फिल्मी पार्टियों से दूरी बनाकर चलते हैं। जल्दी सोना और सुबह से काम में लग जाना उनकी पहचान है। 68 साल की उम्र में जिस एनर्जी के साथ वह एक्टिव है। उसकी जितनी तारीफ की जाए उतनी कम है।
 

एक्टिंग की दूसरी पारी

अनिल कपूर अभी एक्टिंग की दूसरी पारी खेल रहे हैं। जिसमें वो हर तरह के किरदार निभा रहे हैं। जिसे कई एक्टर करने से घबराते हैं। जोया अख्तर की फिल्म दिल धड़कने दो में वो रणवीर सिंह और प्रियंका चोपड़ा के पिता के किरदार में नजर आए। राज मेहता की फिल्म जुग जुग जियो में वरुण धवन के पिता और संदीप वेंगा की फिल्म एनिमल में रणबीर कपूर के पिता के किरदार में नजर आए। खास बात यह है कि इन फिल्मों में पिता होकर भी लीड एक्टर थे। कॉमेडी फिल्मों में अनिल ने जो पहचान बनाई वो शायद ही किसी और अभिनेता ने बनाई होगी। फिल्म दिवाना मस्ताना में गोविंदा से टक्कर लेते नजर आए। तो बीबी नंबर 1,नो एंट्री,रेस,वेलकम जैसी फिल्मों में उन्होंने दर्शकों का मन मोह लिया। अनिल बेव सीरीज द नाइट मैनेजर में विलेन के किरदार में नजर आए। उनकी यह सीरीज कामयाब रही. और फैन्स ने विलन के तौर पर स्वीकार कर लिया। 

 

मिस्टर इंडिया से मिली शोहरत

 फिल्म मिस्टर इंडिया का अनिल कपूर के फिल्मी करियर में एक खास मकाम है। जो शोहरत अनिल को इस फिल्म से मिली, उसकी आज भी चर्चा होती है। इस फिल्म का गाना- जिंदगी की यही रीत है जब तैयार हुआ, तो गीतकार जावेद अख्तर ने किशोर कुमार से प्लेबैक सिंगिंग की गुजारिश की। लेकिन किशोर कुमार ने गाना गाने से मना कर दिया। किशोर कुमार को मनाने का जिम्मा अनिल कपूर को दिया गया। अनिल ने किशोर कुमार को गाना गाने के लिए मनाया,और फिर गाना रिकॉर्ड हुआ। आज भी यह गाना लोग अक्सर गुनगुनाते हैं।

 

यारों के यार

अनिल कपूर यारों के यार कहलाते हैं। अनिल के करीबी दोस्तों में अनुपम खेर,जैकी श्रॉफ शुमार हैं। साथ ही सतीश कौशिक के साथ उनकी दोस्ती के कई किस्से मशहूर हैं। सतीश कौशिक ने उनकी फिल्म रूप की रानी चोरों को राजा का निर्देशन किया था। फिल्म उनके भाई बोनी ने प्रोडूयूज की थी। जो बॉक्स ऑफिस पर नाकामयाब रही। बोनी को पैसों का काफी नुकसान हुआ। लेकिन दोनों भाईयों ने कभी इस बात का अहसास सतीश कौशिक को कभी नहीं कराया। इस बात का जिक्र खुद सतीश कौशिक ने अपने कई इंटरव्यू में किया। 


फिल्म इंडस्ट्री वह जगह है, जहां फिल्म की सफलता और असफलता के साथ रिश्ते बदल जाते है। लेकिन अनिल हमेशा सतीश कौशिक के पीछे चट्टान की तरह खड़े रहे। सतीश कौशिक के निधन से अनिल को धक्का लगा। जुहू के इस्कॉन ऑडिटोरियम में हुई प्रेयर मीट में अपने दोस्त सतीश कौशिक को याद करते हुए अनिल जिस तरह से फूट-फूट कर रोए, वो उनकी दोस्ती को बयां कर रहा था। जिसका वीडियो आपने भी सोशल मीडिया पर देखा होगा।  

 

हॉलीवुड में बिखेरी चमक

अनिल ने ऑस्कर अवॉर्ड जीतने वाली हॉलीवुड फिल्म स्लमडॉग मिलेनियर में खलनायक बने और उनका ये किरदार फिल्म की कामयाबी की बड़ी वजह बनकर सामने आया। टॉम क्रूज के साथ अनिल मिशन इंपॉसिबल में छोटे किरदार में भी अपनी छाप छोड़ने में कामयहा रहे। खैर, अनिल एक मंझे अभिनेता हैं। जो बरसो बाद भी अपनी एक्टिंग में नयापन लेकर आते हैं। उनका यहीं अंदाज उन्हें दूसरे अभिनेताओं से अलग करता हैं। अनिल कड़ी धूप में मिली छांव की तरह है। उनकी अदाकारी सुकून लेकर आती हैं।

 
 

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